वेदांता ग्रुप और ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन साथ मिलकर सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन के लिए गुजरात में प्लांट लगाएंगे। ये भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट होगा। इसके लिए ग्रुप ने गुजरात सरकार के साथ दो मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoUs) साइन किए हैं। ग्रुप सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन यूनिट, डिसप्ले फेब्रिकेशन यूनिट और सेमीकंडक्टर असेम्बलिंग एंड टेस्टिंग यूनिट लगाएंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए दोनों कंपनी 1.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगी।
इस प्रोजेक्ट से 1 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
अहमदाबाद में 1000 एकड़ जमीन पर ये प्लांट लगाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा। प्रस्तावित सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फेब्रिकेशन यूनिट 28nm टेक्नोलॉजी नोड्स पर काम करेगी। वहीं डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्माल, मिडियम और लार्ज एप्लिकेशंस के लिए जनरेशन 8 डिस्प्ले बनाएगी।
हालांकि, IT और इलेक्ट्रॉनिक्स मिनिस्ट्री और ISM ने अभी तक ऐप्लीकेशन के पहले राउंड को मंजूरी नहीं दी है। बता दें कि वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के साथ केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव MoU पर साइन करने के लिए उपस्थित थे।
नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण: PM
इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘यह MoU भारत की सेमी-कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग महत्वाकांक्षाओं को गति देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। 1.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश अर्थव्यवस्था और नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करेगा। यह सहायक इंडस्ट्रीज के लिए एक बड़ा इकोसिस्टम भी बनाएगा और हमारे MSMEs की मदद करेगा।’
ज्वाइंट वेंचर में वेदांता की 60% की हिस्सेदारी
इससे पहले इस साल फरवरी में वेदांता ने फॉक्सकॉन के साथ ज्वाइंट वेंचर के लिए हाथ मिलाया था और भारत सरकार की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के लिए अप्लाई किया था। इस ज्वाइंट वेंचर में वेदांता की 60% और फॉक्सकॉन की 40% हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियां मिलकर अगले दो सालों में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट सेटअप करना चाहती हैं।
जुलाई में की थी सेमीकंडक्टर पॉलिसी अनाउंस
इस साल जुलाई में गुजरात सरकार ने सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2022-27 की अनाउंसमेंट की थी, जिसके तहत सरकार ने राज्य में सेमीकंडक्टर या डिस्प्ले फैब्रिकेशन मैन्युफैक्चरिंग में इन्वेस्ट करने के इच्छुक लोगों के लिए बिजली, पानी और भूमि शुल्क पर भारी सब्सिडी देने का प्रस्ताव रखा था।
सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले भारत को एक इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में स्थापित करने के लिए बेहद जरूरी है। इसमें निवेश भारत में आधार स्थापित करने के लिए सप्लाइअर्स और डिवाइस असेंबलरों को अट्रैक्ट करने में मदद करेगा।
2021 में सेमीकंडक्टर मार्केट की वैल्यू थी 2.16 लाख करोड़
2021 में भारतीय सेमीकंडक्टर मार्केट की वैल्यू 2.16 लाख करोड़ रुपए (27.2 बिलियन डॉलर) थी। अब 2026 में इसे 5.09 लाख करोड़ रुपए (64 बिलियन डॉलर) तक पहुंचने के लिए लगभग 19% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।
इससे पहले ISMC ने राज्य में 65nm एनालॉग सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग स्कीम स्थापित करने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।