गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है, लेकिन यह एकाधिकार उसने प्रतिस्पर्धा के जायज तरीकों से नहीं हासिल किया है। गूगल की पेरेंट कंपनी एल्फाबेट सर्च इंजन में दबदबा कायम रखने के लिए एपल, सैमसंग जैसी मोबाइल कंपनियों को हर साल अरबों डॉलर का भुगतान करती है। यह जानकारी अमेरिकी न्याय विभाग ने स्थानीय कोर्ट को दी है। कोर्ट के जज अमित मेहता इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
न्याय विभाग के अटॉर्नी केनेथ डिंट्जर ने रकम तो नहीं बताई, लेकिन बताया कि कंपनियों को हर साल किया जाने वाला भुगतान अरबों डॉलर में है। मोबाइल, लैपटॉप और डेस्कटॉप पर अपना सर्च इंजन डिफॉल्ट तौर पर रखने के लिए इन कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है।
एकाधिकार कायम रखने के लिए गूगल एंटी ट्रस्ट कानून का उल्लंघन कर रही
आमतौर पर लाेग डिफॉल्ट सर्च इंजन में बदलाव नहीं करते। अगर करते भी हैं तो कई तरह की तकनीकी परेशानियां बार-बार सामने आती रहती हैं। इसी से गूगल का एकाधिकार कायम है। अमेरिकी न्याय विभाग का दावा है कि एकाधिकार कायम रखने के लिए गूगल एंटी ट्रस्ट कानून का उल्लंघन कर रही है। कोर्ट अभी दोनों पक्षों को सुन रहा है। उसके बाद इस मामले की औपचारिक सुनवाई शुरू होगी।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनाें में गूगल के खिलाफ मुकदमा दायर कराया था। इसे बड़ी टेक कंपनियों पर अंकुश का सरकार का पहला बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
न्याय विभाग ने बाजार को ठीक से नहीं समझा: गूगल(google):
गूगल ने अपनी सफाई में कहा कि न्याय विभाग और राज्यों ने बाजार काे सही तरीके से नहीं समझा। वे छोटे सर्च इंजन जैसे माइक्रोसॉफ्ट कि बिंग और डकडकगो पर ज्यादा केंद्रित हाे गए हैं। गूगल काे कई अन्य कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। जैसे मेटा प्लेटफॉर्म्स, अमेजनडॉटकॉम आदि।