दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर डील पर एक बार फिर यू टर्न लिया है। वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को खरीदने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने इस डील पर ट्विटर को लेटर लिखा है। लेटर में मस्क के वकीलों ने कहा, वह कानूनी लड़ाई को खत्म कर ट्रांजैक्शन को पूरा करना चाहते हैं। ट्विटर के एक प्रवक्ता ने भी इस लेटर की पुष्टि की। इन खबरों के बाद मंगलवार को इसके शेयर 22% बढ़कर 52 डॉलर पर क्लोज हुए।
डील पर यू टर्न के बाद मस्क ने ट्वीट किया, ‘ट्विटर X बनाने की ओर एक कदम है। X, द एवरीथिंग ऐप।’ मस्क 54.20 डॉलर प्रति शेयर पर ही ट्रांजैक्शन को क्लोज करना चाहते हैं जिसका वादा उन्होंने अप्रैल में किया था। इससे पहले मस्क के डील कैंसिल करने के बाद ट्विटर कोर्ट पहुंच गया था। 17 अक्टूबर से अमेरिका के डेलावेयर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी थी। कोर्ट की सुनवाई से पहले मस्क ने अपना फैसला बदल लिया।
पूरा मामला समझें
मस्क ने 14 अप्रैल को 43 अरब डॉलर में ट्विटर खरीदने का ऑफर दिया था। मस्क ने कहा था कि ट्विटर में निवेश शुरू करने से एक दिन पहले के भाव से 54% प्रीमियम पर 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से 100% हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश कर रहा हूं। यह ऑफर मेरा सबसे अच्छा और आखिरी ऑफर है और यदि इसे स्वीकार नहीं किया जाता है, तो मुझे एक शेयरधारक के रूप में अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने की जरूरत होगी।
मस्क के पास ट्विटर की 9.2% हिस्सेदारी है। 4 अप्रैल को इसकी जानकारी सामने आई थी। मस्क ने भले ही शुरुआती फाइलिंग में 43 अरब डॉलर का ऑफर दिया था, लेकिन ट्विटर की डील को मंजूरी के बाद ये आंकड़ा 44 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। हालांकि, बाद में मस्क ने कहा कि स्पैम अकाउंट की सही जानकारी नहीं होने के कारण वह डील को कैंसिल कर रहे हैं। डील कैंसिल होने के बाद ट्विटर कोर्ट पहुंच गया था।
मस्क को उल्लंघन से रोकने के लिए केस
ट्विटर ने कहा था, हम यह एक्शन इसलिए ले रहे हैं, ताकि मस्क को आगे किसी भी उल्लंघन से रोका जाए और मस्क को इस डील को पूरा करने को कहा जाए। मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि मस्क ने मर्जर एग्रीमेंट की कई शर्तों को तोड़ा है। यह भी आरोप लगाया गया था कि इस पूरे प्रकरण से ट्विटर के बिजनेस और छवि को नुकसान पहुंचा है।
शेयरहोल्डर्स ने दी थी डील को मंजूरी
ट्विटर के शेयरहोल्डर्स ने 13 सितंबर को 44 बिलियन डॉलर की डील को मंजूरी दी थी। ट्विटर के अधिकांश शेयरधारकों ने 54.20 डॉलर प्रति शेयर के बायआउट प्रपोजल के पक्ष में वोट किया था। कंपनी के सैन फ्रांसिस्को हेडक्वार्टर में इन्वेस्टर्स के साथ एक शॉर्ट कॉन्फ्रेंस कॉल में ये फैसला लिया था।