केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बारामूला में अजान के वक्त अपना भाषण रोक दिया। बाद में उन्होंने पूछा अजान हो गई हो तो बोलना शुरू करूं? शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे का आज आखिरी दिन है। बारामूला में रैली को संबोधित करते हुए कहा- गुपकार मॉडल में युवाओं के लिए पत्थर, बंद कॉलेज, बंदूक हैं। मोदी मॉडल में युवाओं के लिए IIM, IIT, AIIMS, NEET हैं। युवाओं को पत्थर नहीं, पढ़ाई-लिखाई चाहिए।
शाह ने आगे कहा- जिन्होंने यहां 70 साल राज किया वे मुझे पाकिस्तान से बात करने की सलाह देते हैं। मैं पाकिस्तान से बात नहीं करना चाहता। मैं कश्मीर के युवाओं से बात करना चाहता हूं। पहले यह टेररिस्ट हॉटस्पॉट था, आज टूरिस्ट हॉटस्पॉट है। पहले यहां हर साल 6 लाख सैलानी आते थे। अक्टूबर तक 22 लाख सैलानी आए हैं। इससे कई युवाओं को रोजगार मिला है।
गृह मंत्री ने कहा- पहले कश्मीर में जम्हूरियत की व्याख्या थी- तीन परिवार, 87 विधायक और 6 सांसद। प्रधानमंत्री जी ने जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत को जमीन तक, गांव तक पहुंचाने का काम किया है। इसके साथ ही शाह ने कहा कि मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव होंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को श्रीनगर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की। बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए।
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की। वहीं, मंगलवार को राजौरी में पहाड़ी, गुज्जर और बकरवाल को आरक्षण का आश्वासन दिया। गृहमंत्री सोमवार शाम तीन दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद अमित शाह का जम्मू में यह पहला दौरा है, जबकि कश्मीर में वो इससे पहले भी एक बार आ चुके हैं।
राजौरी में पहाड़ी समुदाय के लिए बड़ी घोषणा की
गृह मंत्री शाह ने मंगलवार को राजौरी में एक रैली को संबोधित किया।
मंगलवार को गृहमंत्री ने राजौरी में एक रैली को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि जल्द ही गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों को आरक्षण दिया जाएगा। इसकी तैयारी हो गई। इसे लेकर कमीशन ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं।
शाह ने कहा- जज शर्मा के आयोग ने रिपोर्ट भेज दी है और गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों के लिए आरक्षण की सिफारिश की है और इसे जल्द ही दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के राजौरी, हंदवाड़ा, पुंछ और बारामूला में पहाड़ी लोगों की बड़ी आबादी है। इस समुदाय के लोग जम्मू कश्मीर के 5 जिलों की 10 विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखते हैं।
मंगलवार को उन्होंने वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। गृह मंत्री बनने के बाद शाह पहली बार मंदिर दर्शन करने पहुंचे।
जम्मू-कश्मीर में 70 साल तक 3 परिवारों ने राज किया
शाह ने कहा कि 70 साल तक जम्मू-कश्मीर पर 3 परिवारों ने राज किया। लोकतंत्र सिर्फ अपने परिवारों में बना दिया था। तीन परिवारों ने लोकतंत्र और जम्हूरियत का मतलब सिर्फ पीढ़ियों तक शासन करना बना दिया था। पहले जो हक 3 परिवारों के पास था, आज वह अधिकार 30 हजार लोगों को मिला है। रैली में मोदी- मोदी के नारे उन लोगों के लिए जवाब है, जो कहते थे कि अनुच्छेद 370 हटेगा तो आग लग जाएगी और खून की नदियां बह जाएंगी। अगर अनुच्छेद 370 और 35A नहीं हटता तो जम्मू-कश्मीर में ट्राइबल रिजर्वेशन नहीं मिलता।
शाह ने सोमवार रात जम्मू में डोगरा, गुर्जर, बकरवाल, पहाड़ी समाज और सिख समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड पर्यटक आए
शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर में लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। जब लोग बदलाव का स्वागत करते हैं तो लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में रिकॉर्ड तोड़ 50 लाख पर्यटक जम्मू आए हैं और 22 लाख पर्यटक कश्मीर गए हैं। पर्यटन से जम्मू-कश्मीर के युवाओं को काफी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि PM मोदी ने उन युवाओं को कंप्यूटर और रोजगार दिया, जिनके हाथ में पहले पत्थर थे। पहले पथराव की घटनाएं होती थी, क्या आपने अब ऐसी कोई घटना देखी है? अब ऐसी कोई घटना नहीं है। हमें अब जो बदलाव आया है उसे समझना होगा। हमने प्रशासन में उन लोगों की पहचान की है जो आतंकवाद का समर्थन कर रहे थे और उन्हें जड़ से उखाड़ फेंका है।