Jamia Millia Islamia में जबरन धर्मंतरण
Fact-finding committee ने Jamia Millia Islamia University, Delhi में गैर-मुसलमानों के साथ भेदभाव और गैर-मुसलमानों के इस्लाम में धर्मांतरण पर रिपोर्ट जारी की | committee ने अपनी रिपोर्ट में पाया गया कि लगभग हर गवाह ने जामिया में गैर-मुसलमानों के साथ भेदभाव और गैर-मुसलमानों के खिलाफ पूर्वाग्रह के बारे में गवाही दी, चाहे कोई गैर-मुस्लिम छात्र हो या शिक्षक सदस्य | यह report के अनुसार विश्वविद्यालय(University) के शिक्षकों और छात्रों के बयान के अनुसार, गैर-मुसलमानों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है।
Committee के Members
Committee के chairman Justice (Retd) Shiv Narayan Dhingra और Secretary के रूप में Rajeev Tiwari (senior advocates, Delhi High Court) और अन्य members में Purnima (Delhi High Court Advocate), S.N. Srivastava(former Delhi Police Commissioner) Narendra Kumar(former Delhi government secretary), और Assistant Professor Dr. Nadeem Ahmed (Kirori Mal College) |
REPORT में क्या है ?
Report के अनुसार University के Non-Muslim students, Faculty और Staff Members के साथ धार्मिक पहचान के आधार पर भेदभाव किया जाता है | University के Assistant Professor के साथ उनके ही सहकर्मी, उनके साथ अपमानजनक और अभद्र व्यवहार करते है | उनको ताने और अपमान सहना पड़ता हैं |
एक और मामले में यह भी पता चला है कि Scheduled Caste (SC) समुदाय के Faculty Members के सामान्य व्यवहार नहीं किया जाता है | उनको बुनियादी सुविधाओं जैसे की Office के फर्नीचर तक का इस्तेमाल करने में रोक टोक किआ जाता है वही दूसरी और मुस्लिम मेंबर्स बड़े ही आराम से करते है |
इस Report में आदिवासी छात्रों और शिक्षकों द्वारा झेले गए उत्पीड़न के आरोपों का भी उल्लेख है। ऐसे टॉक्सिक माहोल बनाकर आदिवासी छात्रों को University छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता हैं |
JAMIA MILLIA ISLAMIA का OFFICIAL RESPONSE
University ने एक बयान जारी किया है जिसमे inclusivity को बढ़ावा देने की बात किया है और Religious conversion को सिरे से नकार दिया है | University का कहना है कि अगर ऐसा हुवा भी होगा तोह पहले के Administrations में हुआ होगा जिसे गलत तरीके से संभाला गया होगा | University का यह भी कहना है कि Vice-Chancellor Professor मज़हर आसिफ के नेतृत्व में एक न्यायसंगत एनवायरनमेंट बनाने का प्रयास किया जायेगा |